Inspirational Quotes

15+ रमण महर्षि के अनमोल विचार [प्रवचन]- Ramana Maharshi Quotes In Hindi

Mukul Saini अक्तूबर 18, 2020

Shri Ramana Maharshi Quotes

रमण महर्षि के अनमोल प्रवचन

आज में रमण महर्षि दुवारा बताये गये कुछ बेहतरीन और अनमोल वचन और उपदेश आपको बताने जा रहा हूँ परन्तु रमण महर्षि के अनमोल प्रवचन बताने से पहले आपको में इनके बारें में थोड़ा कुछ बताना पसंद करूँगा। 

ramana maharshi का जन्म वर्ष 1879 में दिसम्बर की 30 तारीख को हुआ इनका जन्म स्थान तमिलनाडु के तिरुचुली गांव है। ये बीसवीं शताब्दी के एक महान सं थे इसके आलावा रमण महर्षि जी का बचपन में उनके माता पिता ने एक और नाम “वेंकटरमण अय्यर” भी रखा था। 

तो चलिये वार्तालाप की इस डोर को यही काटते है क्यूंकि ramana maharshi quotes से पहले उनके बारे में इतनी जानकारी काफी होगी।

click this – नए आज के विचार 

शांति अस्तित्वमान है. हम सभी को केवल शांत रहने की जरूरत है. शांति ही हम सभी की वास्तविक प्रकृति है. हम इसे नष्ट करते हैं. इसे नष्ट करने की आदत को बंद करने की जरुरत है। – Ramana Maharshi 

समाज दुवारा तुच्छ समझा जाने वाला व्यक्ति दार्शनिक,शासन से पीड़ित व्यक्ति विद्रोही ,खुद के परिवार उपेक्षित व्यक्ति महात्मा और नारी (औरत) अपमानित व्यक्ति देवता बनता है – रमण महर्षि

पति के लिए चरित्र, सन्तान के लिए ममता, समाज के लिए शील, विश्व के लिए दया तथा जीव मात्र के लिए करूणा संजोने वाली महा प्रकृति का नाम ही नारी है।  – Ramana Maharshi 

अज्ञानता है, तभी तक पुनर्जन्म का अस्तित्व बना रहता है. वास्तविकता बताँऊ तो  पुनर्जन्म है ही नहीं न वह कभी पहले था, न अभी है, न आगे होगा और यही सत्य है। – रमण महर्षि

अहंकार ही वास्तविक पाप है. लोभ, क्रोध और मोह इसकी छायाएं हैं। – Ramana Maharshi 

मौन की भाषा और शांतिमयी वाणी में जो सक्रियता और शक्ति है, वह बोल प्रवचन कभी भी नहीं हो सकते। -रमण महर्षि

कभी इस बात के बारे में मत सोचना की तुम मरने के बाद क्या होंगे, जानना तो यह जरुरी है की तुम अब इस समय क्या हो। – Ramana Maharshi 

परमात्मा और आत्मा एक ही वस्तु तत्व के दो नाम हैं – रमण महर्षि जी 

मौत सिर्फ और सिर्फ शरीर को मार सकती है, ‘अहं-मैं-आत्मा ’ अनिश्वर है, अमर है, मृत्यु की सीमा से बाहर है।  -Ramana Maharshi 

विधाता प्राणियों के भाग्य का उनके प्रारब्ध को देख निपटारा किया करते हैं. जो नहीं होना है, वह कभी नहीं होगा। – रमण महर्षि जी 

रमन महर्षि के अनमोल उपदेश – ramana maharsh quotes

सबसे उत्तम और और सभी से परम शक्तिशाली भाषा मौन है, मौन शांति का भूषण है. उपदेश तो अत्यंत मौन रहकर दिया जा सकता है – रमण महर्षि

आप खुद को जानो क्योंकि आत्मज्ञान परम उच्च ज्ञान है, सत्य का ज्ञान है। – Ramana Maharshi 

परमात्मा पहचानने से पहले खुद को पहचनना जरुरी है, आत्मा से अलग ईश्वर की स्थिति नहीं है. इस संसार के दुःखों का कारण ही आत्मा को न जानना हैं। – रमण महर्षि

मन दो नहीं हैं- अच्छा और बुरा. वासना के अनुरूप अच्छे और बुरे मन का स्वरूप हमारे सामने आ जाता है। -Ramana Maharshi 

भविष्य की चिंता करने वाले अपने वर्तमान को तो जानो अगर उसे संभाल लिया तो भविष्य खुद म खुद सुधर जायेगा। – महर्षि रमण

बाहरी चीजे दुःखों का कारण नहीं होते बल्कि दुःखों की उत्पति तो आंतरिक है ये दुःख केवल खुद के अहंकार से उत्पन होते है। – महर्षि रमण

ज्ञान-दान ही सबसे बड़ा उत्कृष्ट दान है।  – Ramana Maharshi 

 

और पढ़ना पसंद है तो ये पढ़िए –

सोनू शर्मा के अनमोल विचार

महात्मा गांधी जी के अनमोल विचार

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रमण महर्षि के अनमोल प्रवचन अगर आपको पसंद आये तो कंमेंट बॉक्स में फेवरेट quotes को जरूर लिखिए और ramana maharshi quotes की तरह अगर आप और कोट्स पढ़ना चाहते हो तो हमें सोशल मिडिया फेसबुक ,टिवीटर और इंस्टाग्रम पर जरूर फॉलो करे। 

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Mukul Saini अक्तूबर 18, 2020

Shri Ramana Maharshi Quotes

रमण महर्षि के अनमोल प्रवचन

आज में रमण महर्षि दुवारा बताये गये कुछ बेहतरीन और अनमोल वचन और उपदेश आपको बताने जा रहा हूँ परन्तु रमण महर्षि के अनमोल प्रवचन बताने से पहले आपको में इनके बारें में थोड़ा कुछ बताना पसंद करूँगा। 

ramana maharshi का जन्म वर्ष 1879 में दिसम्बर की 30 तारीख को हुआ इनका जन्म स्थान तमिलनाडु के तिरुचुली गांव है। ये बीसवीं शताब्दी के एक महान सं थे इसके आलावा रमण महर्षि जी का बचपन में उनके माता पिता ने एक और नाम “वेंकटरमण अय्यर” भी रखा था। 

तो चलिये वार्तालाप की इस डोर को यही काटते है क्यूंकि ramana maharshi quotes से पहले उनके बारे में इतनी जानकारी काफी होगी।

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शांति अस्तित्वमान है. हम सभी को केवल शांत रहने की जरूरत है. शांति ही हम सभी की वास्तविक प्रकृति है. हम इसे नष्ट करते हैं. इसे नष्ट करने की आदत को बंद करने की जरुरत है। – Ramana Maharshi 

समाज दुवारा तुच्छ समझा जाने वाला व्यक्ति दार्शनिक,शासन से पीड़ित व्यक्ति विद्रोही ,खुद के परिवार उपेक्षित व्यक्ति महात्मा और नारी (औरत) अपमानित व्यक्ति देवता बनता है – रमण महर्षि

पति के लिए चरित्र, सन्तान के लिए ममता, समाज के लिए शील, विश्व के लिए दया तथा जीव मात्र के लिए करूणा संजोने वाली महा प्रकृति का नाम ही नारी है।  – Ramana Maharshi 

अज्ञानता है, तभी तक पुनर्जन्म का अस्तित्व बना रहता है. वास्तविकता बताँऊ तो  पुनर्जन्म है ही नहीं न वह कभी पहले था, न अभी है, न आगे होगा और यही सत्य है। – रमण महर्षि

अहंकार ही वास्तविक पाप है. लोभ, क्रोध और मोह इसकी छायाएं हैं। – Ramana Maharshi 

मौन की भाषा और शांतिमयी वाणी में जो सक्रियता और शक्ति है, वह बोल प्रवचन कभी भी नहीं हो सकते। -रमण महर्षि

कभी इस बात के बारे में मत सोचना की तुम मरने के बाद क्या होंगे, जानना तो यह जरुरी है की तुम अब इस समय क्या हो। – Ramana Maharshi 

परमात्मा और आत्मा एक ही वस्तु तत्व के दो नाम हैं – रमण महर्षि जी 

मौत सिर्फ और सिर्फ शरीर को मार सकती है, ‘अहं-मैं-आत्मा ’ अनिश्वर है, अमर है, मृत्यु की सीमा से बाहर है।  -Ramana Maharshi 

विधाता प्राणियों के भाग्य का उनके प्रारब्ध को देख निपटारा किया करते हैं. जो नहीं होना है, वह कभी नहीं होगा। – रमण महर्षि जी 

रमन महर्षि के अनमोल उपदेश – ramana maharsh quotes

सबसे उत्तम और और सभी से परम शक्तिशाली भाषा मौन है, मौन शांति का भूषण है. उपदेश तो अत्यंत मौन रहकर दिया जा सकता है – रमण महर्षि

आप खुद को जानो क्योंकि आत्मज्ञान परम उच्च ज्ञान है, सत्य का ज्ञान है। – Ramana Maharshi 

परमात्मा पहचानने से पहले खुद को पहचनना जरुरी है, आत्मा से अलग ईश्वर की स्थिति नहीं है. इस संसार के दुःखों का कारण ही आत्मा को न जानना हैं। – रमण महर्षि

मन दो नहीं हैं- अच्छा और बुरा. वासना के अनुरूप अच्छे और बुरे मन का स्वरूप हमारे सामने आ जाता है। -Ramana Maharshi 

भविष्य की चिंता करने वाले अपने वर्तमान को तो जानो अगर उसे संभाल लिया तो भविष्य खुद म खुद सुधर जायेगा। – महर्षि रमण

बाहरी चीजे दुःखों का कारण नहीं होते बल्कि दुःखों की उत्पति तो आंतरिक है ये दुःख केवल खुद के अहंकार से उत्पन होते है। – महर्षि रमण

ज्ञान-दान ही सबसे बड़ा उत्कृष्ट दान है।  – Ramana Maharshi 

 

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